पदमावती की असली दास्तान

पदमावती के बारे में तो आपने सुना ही होगा । यह संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म का नाम है जो 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है । इस फिल्म के आने से काफी दिन पहले से ही चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है क्योंकि संजय लीला भंसाली की फिल्म हमेशा ही शानदार रही है । लेकिन क्या आप इस फिल्म से जुड़े ऐतिहासिक दास्तान जानते हैं । क्या आप इसकी असल दास्तान जानते हैं । चलिए हम आपको बताते हैं ।
इस फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती का किरदार निभा रही है , शाहिद कपूर चित्तौड़ के राजा रावल रतन सिंह का किरदार निभा रहे हैं और रणबीर सिंह दिल्ली सल्तनत के राजा अलाउद्दीन खिलजी का किरदार निभा रहे हैं ।
दिल्ली सल्तनत के राजाओं में अलाउद्दीन खिलजी एक बेहद चतुर और महत्वकांक्षी राजाओं में से एक था । वह एक बहुत ही निर्मम राजा था । अलाउद्दीन खिलजी का राजा बनना तब तक नामुमकिन था जब तक उसके चाचा जिंदा थे । उसके चाचा का नाम फिरोज खिलजी था । जब अलाउद्दीन खिलजी दक्षिणी भारत को लूट कर लौटा तो उसने अपने चाचा को उत्तर प्रदेश में स्थित कड़ा में बुलाया यह कहकर कि दक्षिण भारत से मिलती हुई अपार दौलत को वह उन्हें उपहार स्वरूप देना चाहता है । जब उसके चाचा उससे मिलने कड़ा पहुंचे तो धोखे से उसने अपने चाचा की हत्या कर दी और खुद को सुल्तान घोषित कर दिया।
दूसरी तरफ चित्तौड़गढ़ की महारानी रानी पद्मावती के स्वयंवर में रतन सिंह विजेता घोषित व और दोनों का विवाह हो गया । रतन सिंह के दरबार में एक कलाकार भी था जिसका नाम चेतन था । वह अत्यंत प्रतिभाशाली था परंतु उसने राजा से एक बात छुपा कर रखी थी । वह महल में काला जादू भी करता था परंतु एक दिन रतन सिंह ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया और बेइज्जत कर के महल से निष्कासित कर दिया । यह बात उस को अत्यंत छूट गई और वह उस जंगल में जाकर बस गया जहां पर अक्सर अलाउद्दीन खिलजी शिकार करने आता था ।
जब अलाउद्दीन खिलजी वहां शिकार करने आया तो वह उससे मिला और उसने रानी पद्मावती की खूबसूरती का गुणगान अलाउद्दीन खिलजी से किया । अलाउद्दीन खिलजी ने रतन सिंह को एक संदेश भिजवाया और कहा कि वह रानी पद्मावती को देखना चाहता है । रतन सिंह मैं भी कोई खतरा में भागते हुए इसके लिए हां कर दी । रानी पद्मावती को दिखाने के लिए शीशे सजाए गए इस तरह से कि सिर्फ उसमें रानी पद्मावती का प्रतिबिंब ही नजर आए । लेकिन अलाउद्दीन खिलजी ने जैसे ही रानी पद्मावती को देखा वह उन पर मोहित हो गया । वह अपने साथ एक बड़ी फौज लेकर आया था और उसने महल पर हमला बोल दिया ।
महल से होकर एक छुपा हुआ रास्ता एक कुंड की तरफ जाता था । वह एक अग्निकुंड था जिसे इस तरह की किसी भी अवस्था में जौहर के लिए बनाया गया था । जवाहर एक प्रक्रिया थी जिसमें महल की स्त्रियां बंधक ना बनने के लिए खुद को आग के हवाले कर देती थी । अलाउद्दीन खिलजी रतन सिंह को बंधक बनाकर अपने साथ ले जाता है। रतन सिंह का भतीजा अपनी फौज के साथ अलाउद्दीन खिलजी के खिलाफ लड़ता है । रतन सिंह की फौज , उसका भतीजा और रतन सिंह सभी बहुत वीरता के साथ लड़ते हैं परंतु अंत में अलाउद्दीन खिलजी की जीत होती है । परंतु अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती नहीं मिलती क्योंकि वह महल कि हमने स्त्रियों के साथ मिलकर जौहर कर लेती है।
तो यह थी रानी पद्मावती की पूरी कहानी । आपको यह कहानी कैसी लगी हमें जरूर बताइएगा ।

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