मंदिर का गुम्बद क्यों होता है पिरामिड के आकार में ?

हिन्दू धर्म दुनिया का सबसे पुराना और सबसे महानतम धर्म है । हिन्दू धर्म मे 33 कोटि के देवी देवता है । इन देवी देवताओं के पूजा स्थल को हम लोग मंदिर कहते है । भारत मे बने मंदिर मुख्य रूप से 2 शैली में बने हुए है । पहली है नागर शैली जिसके मुख्य मंदिर उत्तर भारत मे देखने को मिलते है और दूसरी है द्राविड़ शैली जिसके मुख्य मंदिर दक्षिण भारत मे है । लेकिन हिन्दू धर्म का कोई भी मंदिर हो उसमें एक चीज़ समान होती है । वह है पिरामिड आकार का गुम्बद । आज मैं आपको बताऊँगा उसके पीछे का वैज्ञानिक कारण ।
जैसा कि हम सब जानते है कि दुनिया के वैज्ञानिकों ने हमे ब्रह्मांड में फैली एक positive energy से अवगत कराया है । कहते है इस positive energy को पा कर लोग ज्ञान अर्जन की तरफ कदम बढ़ाते है । लोग ज्ञान अर्जन की तरफ पहला कदम ध्यान लगा कर बढ़ाते है । लेकिन ध्यान लगाना जिस वजह से संभव हो पाता है वो है हमारे अंदर स्थित 7 इंद्रिया । अगर हम छत के नीचे ध्यान लगाते है या पूजा करते है तो बहुत कम आसार होते है कि उस का कोई positive impact हमारे जीवन पर पड़े क्योंकि ब्रह्मांड में फैली पॉजिटिव एनर्जी को हम एक छत के नीचे absorb नही कर सकते ।
इस energy को absorb करने के लिए मंदिरो के गुम्बद का आकार pyramid किया गया क्योंकि pyramid आकार सबसे ज्यादा एनर्जी absorb करता है । मिस्र के पिरामिड भी इसका एक उदाहरण है।
Positive energy को पाने के लिए ही ब्राह्मण चोटी रखते है ताकि वो एनर्जी सीधा दिमाग मे प्रवेश कर के ज्ञान अर्जन में मदद कर सके ।
तो ये है वो असली कारण जिसकी वजह से मंदिरो के गुम्बद का आकार pyramid होता है ।

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