क्यों कहलाया भारत सोने की चिड़िया ? कितना अमीर था भारत ?
जैसा की आप सब जानते होंगे कि हमारे भारत की अर्थव्यवस्था जैसी आज है , आज से कई वर्ष पहले ऐसी नही थी । भारत दुनिया का सबसे अमीर देश था । अंग्रेजो के आगमन के बाद उन्होंने हमारे देश की दौलत का दोहन करना शुरू कर दिया और बहुत बुरे हालात में पहुच दिया । लेकिन क्या आप जानते है कि हमारा देश कितना अमीर था ?
आपके सामने मैं कुछ साक्ष्य रखूंगा जिससे आपको पता चल जाएगा कि भारत जितना अमीर कभी कोई हुआ ही नही ।
भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था । भारत की आय का मुख्य स्रोत ना तो कृषि था , न कपड़ा उद्योग , न नील और न ही मसाले । आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत की आय का मुख्य स्रोत भारत की विश्व प्रसिद्ध हेंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री थी । भारत के पास तब मशीन्स नही थी इस वजह से अधिकतर चीज़े हाथो से बनाई जाती थी । अंग्रेज व्यापारी भारी मात्रा में और भारी कीमत अदा कर यहां से सामान खरीदते थे । उसके बाद इंग्लैंड जैसे देशों में भारी कीमत पर बेच देते थे । भारत के हेंडीक्राफ्ट के सामान की बहुत ज्यादा डिमांड थी विदेशो में ।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने अपने शोध से कुछ जानकारियां हासिल की जो इस प्रकार हैं ।
अंग्रेज भारत को पैसो के बदले सोना और चांदी दिया करते थे । इतना सारा सोना चांदी की भारत को सोने चांदी का कूड़ेदान कहा जाने लगा था ।
भारत के पास पूरी दुनिया के पैसे का एक तिहाई हिस्सा होता था यानी कि अगर दुनिया के सारे देशो के पास कुल मिला के 300 रुपए हो तो अकेले भारत के पास 100 रुपए होते थे ।
इस पैसे में यदि चीन का पैसा भी शामिल कर ले तो दोनों देश के पास मिला के करीब पूरी दुनिया का आधा पैसा था ।
आज के समय मे अमेरिका की जितनी GDP यानी कि सकल घरेलू उत्पाद है उसका आठ गुना तब भारत की GDP थी ।
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