आखिर क्यों महँगा है भारत मे पेट्रोल ? जानिए पेट्रोल का पूरा गणित ।
पेट्रोल आम आदमी की सबसे ज्यादा जरूरत के सामानों में से एक है । पेट्रोल के दाम मुद्रास्फीति की दर को बहुत हद तक नियंत्रित करते है । इसलिए अगर पेट्रोल महँगा होता है तो असर हर जगह देखने को मिलता है । लेकिन एक चीज़ जो इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में है वो है पेट्रोल के बढ़े हुए दाम । तो आखिर क्यों पेट्रोल है महँगा ।
GST लागू होने के बाद पेट्रोल एक ऐसी चीज़ है जिसपर GST नही लगाया गया है । लोगो की मांग है कि पेट्रोल को भी GST के अंदर लाया जाए । यदि ऐसा होता है तो 28% GST दर के बाद भी पेट्रोल के दाम मात्र 43 रुपए लीटर होंगे लगभग । यदि पेट्रोल को 18% GST के स्लैब में लाया गया तो भी पेट्रोल के दाम मात्र 38 रुपए लीटर होंगे । तो क्यों नही है पेट्रोल GST में शामिल ।
दरअसल बात ये है कि पेट्रोल और डीजल से केंद्र और राज्य दोनों को ही भारी मात्रा में टैक्स मिलता है । ये बिल्कुल एक सोने के अंडे देने वाली मुर्गी जैसा है । पेट्रोल को GST के अंदर लाने का मतलब होगा सोने की उस मुर्गी को मारना , इसलिए सरकार टैक्स से समझौता नही करना चाहता , इसलिए पेट्रोल को GST के अंदर लाने को तैयार नही है । आइए आपको पेट्रोल के दाम का गणित बताता हूं ।
* पेट्रोल रिफाइनरी द्वारा सरकार को 27.70 रुपए में बेचा जाता है ।
* पेट्रोल को पहुचाने का खर्च 2.75 रुपए और पेट्रोल पंप के मुनाफे 3.57 रुपए को मिलाकर पेट्रोल की कुल लागत पहुचती है मात्र 34.02 रुपए ।
* इसके बाद राज्य सरकार के VAT के हिसाब से 14.98 रुपए का टैक्स पेट्रोल पर राज्य द्वारा लगाया जाता है । पेट्रोल की कुल कीमत हो जाती है 49 रुपए ।
* अब केंद्र सरकार लगाती है 21.48 रुपए की एक्साइज ड्यूटी जिससे पेट्रोल की कीमत पहुच जाती है 70.48 रुपए ।
* केंद्र सरकार 21.48 रुपए में से 42% यानी कि करीब 9.02 रुपए दे देती है राज्य सरकार को । तो अब केंद्र का कर हो जाता है 12.46 रुपए और राज्य सरकार का कर हो जाता है 27.44 रुपए ।
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