भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम

भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम कार्यक्रम का उद्देश्य शत्रु की बैलिस्टिक और न्यूक्लीयर मिसाइलों के आक्रमण से बचने के लिए बहु स्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली के एक रक्षा कवच का विकास एवं तैनाती करना है । यह द्विस्तरीय प्रणाली है अर्थात इसके अंतर्गत दो तरह की मिसाइलों को शामिल किया जाएगा ।

पृथ्वी एयर डिफेंस ( PAD ) { Pradyumna }
एडवांस एयर डिफेंस ( AAD ) { Ashwin }




पृथ्वी एयर डिफेंस मिसाइल शत्रु की ओर से आने वाली किसी मिसाइल को अपेक्षाकृत अधिक ऊंचाई पर मार गिराएगी और यदि किन्ही कारणों से पृथ्वी एयर डिफेंस मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में असफल होती है तो अपेक्षाकृत निचली ऊंचाई पर शत्रु की मिसाइल को भेदने के लिए एडवांस एयर डिफेंस मिसाइल छोड़ी जाएगी । मिसाइल रोधी प्रणाली के तहत एक शत्रु मिसाइल को उसके प्रक्षेपण बिंदु ( यानी कि लॉन्च पॉइंट ) बीच में ( यानी की अंतरिक्ष में उड़ान के समय ) या अंतिम बिंदु ( यानी कि वातावरण में उतार के समय ) पर रोका जा सकता है ।

केवल रूस , चीन एवं इजराइल के पास प्रभावशाली बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस प्रणालियां है किंतु मिसाइल रोधी प्रणाली के रूप में कोई भी प्रणाली शत प्रतिशत प्रभावी नहीं होती है ।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ( डीआरडीओ ) ने 1990 के उत्तरार्द्ध में द्विस्तरीय बीएमडी प्रणाली का विकास करना प्रारंभ किया । पहली इंटरसेप्टर मिसाइल ( यानी कि ऐसी मिसाइल जो किसी दूसरे मिसाइल को भेद सकें ) का परीक्षण वर्ष 2006 में किया गया था । तब से लेकर आज तक आज तक 13 बार इंटरसेप्टर मिसाइलों का परीक्षण किया जा चुका है । बीएमडी प्रणाली शत्रु मिसाइल की पहचान करके उन्हें पृथ्वी के आंतरिक अथवा बाहरी वातावरण में नष्ट करने के उद्देश्य से डिजाइन की गई है । हालांकि अभी तक इसका कोई भी ऐसा परीक्षण नहीं हो सका है जिसमें यह अपनी दोनों क्षमताओं को एक साथ प्रदर्शित कर सकती हो । डीआरडीओ की योजना संपूर्ण बीएमडी प्रणाली को दो चरणों में विकसित करने की है । पहले चरण के इंटरसेप्टर मिसाइल जहां तैनाती के लिए तैयार है वहीं दूसरे चरण के इंटरसेप्टर मिसाइल जिनकी रेंज 5000 किलोमीटर के क्षेत्र में शत्रु मिसाइलों को नष्ट करने की होगी , के आने वाले 1-2 वर्षों में तैनाती के लिए तैयार हो जाने की अपेक्षा है ।



दिल्ली में सफलतापूर्वक तैनाती के पश्चात देश के लगभग सभी अन्य महत्वपूर्ण शहरों और स्थापनाओं के इर्द-गिर्द इस प्रणाली को तैनात किया जाएगा । यह 2000 किलोमीटर की दूरी से प्रक्षेपित की गई बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट कर सकती है । यह शत्रु मिसाइल को क्रमबद्ध तरीके से 99.5% की सटीकता के साथ नष्ट कर सकती है ।

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