Steps taken by NITI Aayog ( Hindi )
NITI Aayog
नीति आयोग ढाई साल पहले बनाया गया। इसे 64 साल पुराने योजना आयोग को समाप्त करके वजूद में लाया गया लेकिन इसके वजूद में आने से केंद्र और राज्य कितने सफल बने हैं और उसने अपना मकसद किस हद तक हासिल किया है , यह एक बड़ा सवाल है। नीति आयोग ही देश की तरक्की और योजनाओं की दिशा तय कर रहा है। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष श्री अरविंद पनगढ़िया जी हैं।
अब तक नीति आयोग ने अनेक निर्णय लिए हैं जो देश की तरक्की के लिए कारगर सिद्ध हुए हैं। कुछ मामलों में वह केंद्र सरकार से भिन्न राय भी रखते हैं। आइए जाने वह फैसले और निर्णय जो हाल फिलहाल में आयोग ने देश के लिए है।
काला धन
काले धन से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिनमें नोटबंदी सबसे ताजा उदाहरण है। आयोग का मानना है कि कदम उठाने चाहिए ऐसे जिससे कि काला धन पनपे ही नहीं। कर की दरों को नीचे लाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सब्सिडी कम करने की भी सिफारिश की गई है जिससे कर चोरी में कमी आएगी और कर के नियमों के सरलीकरण और सुधार की सिफारिश भी की गई है।
रजिस्ट्री के दाम में गिरावट
आयोग ने रजिस्ट्री के दामों को सस्ता करने की सिफारिश की है। जैसा की हम जानते हैं की रजिस्ट्री शुल्क राज्य वसूलते हैं और केंद्र सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। जमीन पर काला धन महंगी रजिस्ट्री की वजह से उत्पन्न होता है। लोग जमीन की खरीद-फरोख्त में शुल्क बचाने के लिए कीमत छिपाते इससे काले धन का लेन देन बढ़ता है। अगर रजिस्ट्री के दामों को कम किया जाएगा तो जाहिर तौर पर लोग पूरी कीमत को रजिस्ट्री में दर्ज करेंगे और कालेधन में कमी आएगी |
कृषि पर कर
नीति आयोग ने कहा है कि कृषि पर कर से मिलने वाली छूट का दुरुपयोग समाप्त करना चाहिए। कुछ कृषक ऐसे हैं जिनकी आय का स्रोत कुछ और है लेकिन वह कृषि से आय की आड़ लेकर कर चोरी करते हैं। नीति आयोग का कहना है कि देश में आज भी गरीबों की संख्या काफी है। तेंदुलकर समिति के अनुसार 80% गरीब देश में ग्रामीण क्षेत्रों में जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर कृषि पर निर्भर है। लेकिन दिक्कत यह है कि एक तरफ सरकार खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना चाहती है ऐसे में कृषि आय पर कर लगाने से गलत संदेश जाएगा।
गरीबों के लिए योजनाएं
सरकार ने गरीबों के लिए कई कार्यक्रम जारी किए हैं जोकि सुचारु रुप से चल रहे हैं। नीति आयोग के अनुसार अब किसी भी योजना को लागू करने के लिए गरीबी रेखा का उपयोग नहीं किया जा रहा है। कई योजनाएं ऐसी आई है जिसमे सामाजिक और आर्थिक जनगणना को आधार बनाया गया है जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना। अब गरीबी रेखा का उपयोग सिर्फ गरीबों को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा। किसी गरीब को योजना का लाभ देने के लिए इसका उपयोग नहीं किया जाएगा जिससे कि कोई भी योजना प्रभावित नहीं होगी।
जीएम फसलों की तकनीक का इस्तेमाल
आयोग ने जीएम फसलों की तकनीक के इस्तेमाल का पक्ष लिया है। इसमें आयोग में किसान, वैज्ञानिक, राज्य समेत सभी के विचार लिए। वैज्ञानिकों ने बड़े ठोस तरीके से स्पष्ट किया कि इससे उत्पादकता बहुत ज्यादा बढ़ाई जा सकती है लेकिन इसके कुछ विपरीत प्रभाव भी है। तो बिना जांच पड़ताल के उन्हें अनुमति नहीं दी जा सकती। काफी छानबीन हो चुकी है और जांच के अभी कई पड़ाव बचे हैं। अगर जांच के वह पड़ाव पार कर लिए जाते हैं तो जीएम फसलों की तकनीक को बाजार में उतारा जाएगा।
यूपी के लिए विशेष फैसले
आयोग ने अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश सुखा स्तरीय दी है आयोग के अनुसार यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है अगर अकेले यूपी को एक राष्ट्र के तौर पर देखा जाए तो यह दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश बनता है करीब 22 करोड़ की इसकी आबादी है और देश का पांचवा हिस्सा के लिए यूपी का है इसलिए इसका महत्व ज्यादा है ऐसे में यूपी का विकास मतलब देश का विकास।
जेनेरिक दवाएं
आयोग का कहना है कि जो भी दवा अति आवश्यक दवाओं की सूची में आती हो उस की कीमतों को स्वचालित नियंत्रण में ना रखा जाए। फिलहाल अति आवश्यक दवाओं को स्वचालित नियंत्रण में रखा जाता है। कीमतों का नियंत्रण प्रतिस्पर्धा की कमी के चलते होता है। आयोग ने प्रतिस्पर्धा बढ़ाने को कहा है।
साइबर हमलों से सुरक्षा
आयोग का कहना है कि सरकार को साइबर सुरक्षा के बारे में लिखा गया है। संबंधित मंत्रालय उसकी रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। यह एक बहुत अहम मुद्दा है। यह सिर्फ लेनदेन की बात नहीं है क्योंकि अब यातायात की लाइटों से लेकर ऑफिस के कंप्यूटर तक सब कुछ इंटरनेट पर आधारित है। इसीलिए जरूरी है कि हम नई तकनीक का प्रयोग करें। इसीलिए सुरक्षा के मामले में भी हमें आगे बढ़ना ही पड़ेगा।
आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती
आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती वही है जो पूरे देश के सामने हैं और वह है बेरोजगारी। अच्छे रोजगार सृजित करने के लिए आयोग ने कई सुझाव सरकार को दिए हैं। इनमें से कई व्यवस्थाएं राज्यों को और कई केंद्र को लागू करनी है। अब देखना है कि आगे क्या होता है। अच्छी बात यह है कि सरकार रोजगार सृजन के साथ युवाओं में उद्यमशीलता के प्रोत्साहन पर जोर दे रही।
तो यह था कि नीति आयोग ने वजूद में आने के बाद फिलहाल में क्या नए कदम उठाएं हैं। आज के लिए बस इतना ही। तब तक के लिए नमस्कार।
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