न्यूट्रिनो क्या है ?

न्यूट्रिनो क्या है ?

न्यूट्रीनो फेरमोइने समूह का एक मूल कण है । यह बहुत कमजोर उप परमाणविक ( सब एटॉमिक ) और गुरुत्वाकर्षण के माध्यम में गति करता है । 

न्यूट्रीनो का अस्तित्व पहली बार 1930 में स्विच वैज्ञानिक वोल्फगैंग पाउली द्वारा स्वीकार किया गया । विद्युतीय आवेश उदासीन होने के कारण इसे न्यूट्रीनो नाम दिया गया ।  ऐसा माना जाता था कि न्यूट्रीनो तीन प्रकार के होते हैं जिनका कोई द्रव्यमान या परिवार नहीं होता लेकिन अब यह स्वीकार किया गया है कि इनमें सूक्ष्म मात्रा में द्रव्यमान उपस्थित है । कमजोर गुरुत्वाकर्षण की रेंज इसके सूक्ष्म द्रव्यमान के कारण कम होती है ।  गुरुत्वाकर्षण बल प्रमाणिक पैमाने ( सब एटॉमिक स्केल ) पर अत्यंत कमजोर होता है । न्यूट्रीनो फोटोन के बाद ब्रम्हांड में दूसरी सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला कण है । न्यूट्रीनो का अस्तित्व ब्रह्मांड में हमेशा से विद्यमान है ।
न्यूट्रीनो लैपटॉप्स की तरह किसी अन्य मूल कण से प्रतिक्रिया में भाग नहीं लेते । अपनी इस विशेषता के कारण न्यूट्रीनो किसी भी सामान्य पदार्थ या वस्तु में बिना किसी पहचान और विभेदीकरण के आवागमन कर सकते हैं । 

यहां तक कि हमारा शरीर लगातार न्यूट्रीनो के संपर्क में रहता है । यह हमारे शरीर से लहरों की तरह गुजरते रहते हैं । प्रत्येक सेकंड में 100 मिलियन से अधिक न्यूट्रीनो हममें से प्रत्येक से होते हुए गुजरते हैं लेकिन हम उनका आभास नहीं कर पाते ।  उनकी उपस्थिति को पहचानने के लिए हमें विशेष सेंसर की आवश्यकता होती है । न्युट्रीनो वेधशाला में यही किया जाता है ।

हमें न्यूट्रिनो कहां से प्राप्त होते हैं ?

वैज्ञानिकों के अवलोकन के अनुसार न्यूट्रीनो की प्राप्ति ब्रह्मांड में होने वाली घटनाओं जैसे ब्लैक होल व विशाल तारों की मृत्यु से उत्पन्न गामा किरणों से होती है ।

कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि उच्च ऊर्जा वाले न्यूट्रीनो संभवता गैलेक्सी में विद्यमान डार्क मैटर के छय या पृथ्वी या सूर्य के कोर क्षेत्रों से प्राप्त होते हैं ।

रेडियो एक्टिव पदार्थों के छय से भी इन किरणों की प्राप्ति होती है ।

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